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बजरंग सेना के बारे में

जात-पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू, भाई-भाई

विश्व में एक धर्म, सनातन धर्म बजंरग सेना का गठन व उद्देश्य

बजरंग सेना का गठन वर्ष 2013 में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष श्री नृत्य गोपाल दास जी महाराज के निर्देशन में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में श्री रणवीर पटेरिया द्वारा किया गया। बजरंग सेना के मुख्य उद्देश्य हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने के लिए लोगों में जागृति लाना। गौ माता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्य करना तथा गौशालाओं में गौग्रास की व्यवस्था सुनिश्चित कराना। समाज में व्याप्त कुरीतियों से लड़ते हुए माता-बहनों की सुरक्षा तथा सनातन धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार करना। सामूहिक विवाह समारोह के जरिए गरीब कन्याओं का विवाह संपन्न कराना। रक्तदान शिविर का आयोजन, सामाजिक समरसता व धर्म जागृति के लिए प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को मंदिरों में सामूहिक हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड की संगीतमय प्रस्तुति देना। हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देना, अस्पताल में मरीजों को फल वितरण करना, आकस्मिक आपदाओं की स्थिति में समाज की सेवा के लिए आगे रहकर कार्य करना। बजरंग सेना द्वारा कोरोना काल में बड़े स्तर पर पीड़ितों व जरूरतमंदों की सेवा के कार्य किए गए। धर्मार्थ में लगे साधु संतों की रक्षा के लिए एवम् हिंदू धर्म के लिए समय-समय पर आंदोलन करना। मंदिरों की सुरक्षा के लिए कार्य करना। वृद्ध व अनाथ लोगों की सेवा करना। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए वैदिक शिक्षा पद्धति पर जोर देना। रोजगार के क्षेत्र में युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान कराना। तथा रोजगार उपलब्ध कराने में सहायता करना ,नर्मदा-गंगा सहित अन्य नदियों, जल स्रोतों के संरक्षण बाबत कार्य करना। प्रकृति के संरक्षण, संवर्धन पर जोर देते हुए विभिन्न क्षेत्रों में पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित करना। जीवमात्र की रक्षा के संकल्प के साथ समाज में हिंदुओं की आवाज बनना, इसके लिए आंदोलन करना। बच्चों, महिलाओं के साथ ही प्रत्येक के स्वास्थ्य के प्रति जिला स्तर पर जागरूकता शिविर का आयोजन करना इत्यादि शामिल हैं। बजरंग सेना लगातार हिन्दू समाज की एकता, सनातन धर्म, संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। जय श्री राम।

Mission

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